SEO को इंटरनेट और डिजीटल मार्केटिंग के बिजनेस की रीढ माना जाता है जो कंटेंट क्रिएशन और प्रमोशन, सर्च इंजन और सोशल मीडिया के जरिए प्रॉडक्ट को यूजर तक पहुंचाता है।
डिजीटाइजेशन के जमाने में युवाओं के लिए कॅरियर के कई नए ऑप्शन्स बन रहे हैं। एसईओ फील्ड भी इन्हीं में से एक है। SEO को इंटरनेट और डिजीटल मार्केटिंग के बिजनेस की रीढ माना जाता है जो कंटेंट क्रिएशन और प्रमोशन, सर्च इंजन और सोशल मीडिया के जरिए प्रॉडक्ट को यूजर तक पहुंचाता है। आज सभी छोटी-बड़ी कंपनियां एसईओ पर अनाप-शनाप खर्चा कर रही हैं। जानिए एसईओ क्या है और आप किस तरह इसमें अपना कॅरियर बना सकते हैं?
एसईओ क्या है
एसईओ की फुल फॉर्म सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (Search Engine Optimisation) है। वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ाने के लिए सर्च इंजन बहुत महत्वपूर्ण है। एसईओ स्टॉफ के सामने एक ही चुनौती होती है कि उनकी वेबसाइट सर्च इंजन (उदाहरण के लिए Google, Bing, Yahoo, आदि) की सर्चेज में पहले पेज पर रहे। जितना वो इस उद्देश्य में कामयाब होंगे, उतना ही उनका प्रोडक्ट बिकेगा। वेबसाइट की रैंकिंग का सीधा प्रभाव इनकम और वैल्यू पर पड़ता है क्योंकि आम तौर पर इंटरनेट यूजर्स गूगल के पहले पेज पर टॉप सर्चेज में आने वेबसाइट को ही चुनते हैं। गूगल जैसे सर्च इंजन अपने यूजर के इच्छित सर्च रिजल्ट्स को दिखाने के लिए लगभग 200 फैक्टर्स को चैक करता है, इन्हीं के आधार पर किसी वेबसाइट या वेबपेज की रैंकिंग तय होती है। इन्हीं फैक्टर्स के आधार पर एसईओ स्टॉफ काम करता है और अपनी वेबसाइट को गूगल व अन्य सर्च इंजन्स में प्रमोट करने का कार्य करता है।
कैसे काम करता है SEO
किसी भी वेबसाइट पर दो तरह से एसईओ किया जाता है,
(1) ऑन पेज एसईओ, (2) ऑफ पेज एसईओ, दोनों में ही कंटेंट पर फोकस किया जाता है परन्तु इनमें कुछ बेसिक अंतर होते हैं।
ऑन पेज SEO
सबसे पहले चीज तो यही होती है कि अच्छा कंटेंट लिखवाया जाए, उसमें पर्याप्त मात्रा में कीवर्ड्स (जिन वर्ड्स से लोग गूगल में सर्च करते हैं) का प्रयोग हो, गूगल फ्रेंडली यूआरएल हो, इमेज पर कीवर्ड्स व कंटेंट की इन्फॉर्मेशन हो। इसके बाद उस वेबसाइट को गूगल में लिस्ट करवाना होता है। यूजर्स किस वर्ड पर सबसे ज्यादा सर्च कर रहे हैं, उन पर कंटेंट लिखवाना होता है।
ऑफ पेज SEO
दुनिया भर के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट को प्रमोट करवाना ऑफ पेज एसईओ में आता है। इसके अन्तर्गत वेबसाइट के लिए बुकमार्किंग वेबसाइट् पर लिस्टिंग करवानी होती है, दूसरी वेबसाइट्स पर गेस्ट पोस्ट के लिए लिंक बिल्डिंग करनी होती है, वेबसाइट का ब्लॉग डायरेक्ट्री में सब्मिशन करवाना होता है।
देशभर के सभी प्रमुख शहरों में एसईओ ट्रेनिंग के लिए सेंटर्स खुले हुए हैं। इन सेंटर्स में 3 से 6 महीने की अवधि वाले सर्टिफिकेट कोर्स करवाए जाते हैं। कोई भी 12वीं पास या अधिक पढ़ा-लिखा युवा इस फील्ड में आ सकता है। ऑनलाइन वेबसाइट्स के जरिए भी एसईओ की बेसिक जानकारी हासिल कर सकते हैं।
देश में निम्न संस्थान भी कोर्स करवाते हैं।
L.I.P.S पुणे, मुंबई (www.lipsindia.com)
डिजिटल विद्या, दिल्ली (www.digitalvidya.com)
दिल्ली स्कूल ऑफ़ डिजिटल मार्केटिंग (DSIM)
(https://dsim.in/)
CIIM चंडीगढ़ (www.ciim.in)
इसके अतिरिक्त कुछ ऑनलाइन कोर्सेज भी उपलब्ध हैं जहां आप अपनी सुविधानुसार एसईओ की ट्रेनिंग ले सकते हैं। ये निम्न प्रकार हैं-
udemy.com
coursera.org
lynda.com
moz.com
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2 Comments
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